इस अजनबी सी दुनिया में, अकेला इक ख्वाब हूँ.
सवालों से खफ़ा, चोट सा जवाब हूँ.
जो ना समझ सके, उनके लिये "कौन".
जो समझ चुके, उनके लिये किताब हूँ.
दुनिया कि नज़रों में, जाने क्युं चुभा सा.
सबसे नशीला और बदनाम शराब हूँ.
सर उठा के देखो, वो देख रहा है तुमको.
जिसको न देखा उसने, वो चमकता आफ़ताब हूँ.
आँखों से देखोगे, तो खुश मुझे पाओगे.
दिल से पूछोगे, तो दर्द का सैलाब हूँ