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Thursday, October 20, 2011

Heart Touching

कुछ ऐसी उलझन क्यों बड़ाई जिंदगी ने,

हर वो बात जो मैंने सुलझाई,फिर उलझाई जिंदगी ने!!

कोई शिकवा करू भी तो किस चीज़ का,क्या छोड़ा है जिंदगी ने,

न पूरी ख़ुशी ही दी,न पूरा गम,क्या कहू क्या दिया है जिंदगी ने!!

जानता हु जीतना आदत है तेरी,तुम एक दिन जीत ही जाओगे,

पर मेरी मौत से पहले तुम मुझे न हरा पाओगे!!

ये जिंदगी मेरी,तुझसे कोई सिकवा नही मुझे,

तू कभी मुझे खुश देख न पायी,और में कभी खुश रख न पाया तुझे!!

लोग कहते रहे,तेरा नसीब अच्छा होगा,सब अच्छा होगा,

पर आज सोचता हु, अब इससे ज्यादा बुरा और क्या होगा!!

तू अपने दाव आजमाती चल,में मोहरा हु पिटता रहूँगा,

ये जिंदगी पर याद रखना, तेरी सतरंज पर कभी एक पल तो मेरा होगा!!