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Friday, February 24, 2012

दुख है:

दिल की बेखुदी हमे उसी मुकाम पर छोड़ जाती है,
जिन रास्तो की ठोकरों पर हमे चलना नही आता!!
जिंदगी कोई कमी नही छोडती,हमे अजमाने में,
उसकी अजमाइश में नुमाइश बनना हमे नही आता!!

ऐसे जियो-वैसे जियो,ऐसे रहो-वैसे रहो,सब बताते है,
पर में नही समझूंगा,ये इन सब को समझ क्यों नही आता!!
मुझ से आस लगाये बैठे है लोग,कुछ और हु लोग बताते है,
जरा उन्हें जाकर समझाए कोई,हमे उनके हिसाब से जीना नही आता!!

पैसो से तुलता हुआ मुझे भी देखना चाहते है,
पर दौलत के लिए जीना छोड़ देना मुझे नही आता!!
इन्सान हु इन्सान रहने दो मुझे,सब बोलते है,
पर इंसानों को इंसानों के हिसाब से जीने देना इंसानों को नही आता!!

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