रात के अंधेरो में रौशनी को खोजना,
जुगनुओ से उजाले की उम्मीदे रखना,
देखो छोड़ दिया मैंने वो घराना ही,
जहा हर रिश्ता सिर्फ मतलब के लिए रखना!!
लडखडाउंगा,डगमगाउंगा,शायद गिरूंगा भी,
पर किसी और के सहारे,खड़ा रहूँगा उम्मीद न रखना !!
है अभी तो हाथ पैर में जान भी बाकि थोड़ी,
ये भी तुम पर बर्बाद कर दूंगा,ये आस मत रखना!!
साथ तो कंधो का भी,बस शमशान तक ही रहता है,
मेरी बोझ,तुम्हारे कंधे दूंगा,नही फ़िक्र न रखना!!
मेरे साथ,जो हो रहा है,हो जाने दो,
पर तुम्हारे साथ ऐसा नही होगा उम्मीद मत रखना!!
जो बोया वही काट रहा हूँ,पर
आप सब तो समझदार हो, अपने को अपने से दूर न रखना!!
जुगनुओ से उजाले की उम्मीदे रखना,
देखो छोड़ दिया मैंने वो घराना ही,
जहा हर रिश्ता सिर्फ मतलब के लिए रखना!!
लडखडाउंगा,डगमगाउंगा,शायद गिरूंगा भी,
पर किसी और के सहारे,खड़ा रहूँगा उम्मीद न रखना !!
है अभी तो हाथ पैर में जान भी बाकि थोड़ी,
ये भी तुम पर बर्बाद कर दूंगा,ये आस मत रखना!!
साथ तो कंधो का भी,बस शमशान तक ही रहता है,
मेरी बोझ,तुम्हारे कंधे दूंगा,नही फ़िक्र न रखना!!
मेरे साथ,जो हो रहा है,हो जाने दो,
पर तुम्हारे साथ ऐसा नही होगा उम्मीद मत रखना!!
जो बोया वही काट रहा हूँ,पर
आप सब तो समझदार हो, अपने को अपने से दूर न रखना!!
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