दम है गर तुझमे तो खुद अम्बर ही सहारा देगा,
खुदा है कही तो तुझे भी, बेशक इक नज़ारा देगा.
उम्मीद का ये दामन बस यु ही थामे रखना,
अभी जो छुपा है वही तुम्हे कभी इशारा देगा.
छोड़ साहिल के सपने, मौजों से टकराता चल,
तेरा हौसला ही तुझे, हर रोज इक किनारा देगा.
काली स्याह रात से भी करता चल दोस्ती-यारी,
अंधियारों के बाद ही तो भोर भी उजियारा देगा
गर हार गये तो हार गये, हताश क्या निराश क्या,
हार का ये दर्द ही तो , जीत का नया नारा देगा.
जिधर से भी गुजरना, छोड देना कुछ अपने निशा, ,
वो तुम्हारा तिनका ही किसी डूबते को,सहारा देगा
खुदा है कही तो तुझे भी, बेशक इक नज़ारा देगा.
उम्मीद का ये दामन बस यु ही थामे रखना,
अभी जो छुपा है वही तुम्हे कभी इशारा देगा.
छोड़ साहिल के सपने, मौजों से टकराता चल,
तेरा हौसला ही तुझे, हर रोज इक किनारा देगा.
काली स्याह रात से भी करता चल दोस्ती-यारी,
अंधियारों के बाद ही तो भोर भी उजियारा देगा
गर हार गये तो हार गये, हताश क्या निराश क्या,
हार का ये दर्द ही तो , जीत का नया नारा देगा.
जिधर से भी गुजरना, छोड देना कुछ अपने निशा, ,
वो तुम्हारा तिनका ही किसी डूबते को,सहारा देगा
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